गोड़वाना समाज के द्वारा नवाखाई महापर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया
पंकज यदु कांकेर – ग्राम खरथा में समाज प्रमुखों की उपस्थिति में प्रकृति शक्ति बूढ़ादेव एवं अपने ईष्ट देव को साहजा के पत्तो में नए चावल एवं नए धान की बाली को अर्पण कर गांव की एकता एवं खुशहाली की कामना की गई। समाज के लोगो ने अपने अपने घरों में परिवारों में एक साथ साहजा के पत्तो में नए चावल अर्पण कर एक साथ कोरिया के पत्तो में नए चावल के बने खीर को प्रसाद के रूप में एक साथ ग्रहण किया।
दूसरे दिन ठाकुर जोहारनी का कार्यक्रम हुआ। जहां ग्राम के पटेल के घर में समाज के लोग उपस्थित होकर बूढ़ादेव की सेवा अर्जी विनती किया। समाज के लोगो ने एक साथ नए चावल के बने खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर एक दूसरे को बधाई देते हुए आशीर्वाद लिया।
क्षेत्रीय अध्यक्ष हरेसिंग नेताम ने कहा कि नवाखाई महापर्व प्रकृति पर्व है इस महान परंपरा को हमारे पूर्वजों ने बनाकर रखा है इस महान प्राचीन परंपरा को बचा कर रखना हमारा कर्तव्य है। समाज को संगठित कर हम सब को एकजुटता रहने अपील की
गोंडवाना समाज युवा प्रभाग ब्लॉक अध्यक्ष असवन कुंजाम ने नवाखाई के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह पर्व मूलतः उत्तर बस्तर के गोंड जनजाति समाज की प्रकृति सम्मत संस्कृति है। बस्तर की इस संस्कृति में किसी भी फसल को तब तक नही खाया जाता है, जब तक उस फसल के कुछ अंश को देव को अर्पण कर उन्हे धन्यवाद न दिया जाए। ग्राम देव भूमियार, प्रकृति देव, को उनके दिए गए अन्न के बदले में कृतज्ञता ज्ञापित करना एवं नए फसल के आगमन की खुशियों की सौगात आपस में बांटना यही नवाखाईं महापर्व है। जो दो दिनों तक चलता है। दूसरे दिन ठाकुर जोहरनी पर्व जिसे स्थानीय भाषा में बासी त्योहार भी कहते है। इस दिन ठाकुर जोहार किया जाता है। ठाकुर जोहार का तात्पर्य देव तुल्य बुजुर्गो व अपने से बड़ों का आदर-सत्कार, भेंट करना होता है।
इस अवसर पर ग्राम पटेल मुरलीधर कुंजाम, सर्कल अध्यक्ष हरेसिंग नेताम, ब्लॉक अध्यक्ष युवा प्रभाग असवन कुंजाम, ग्रामीण मुड़ादार संतोष जुर्री, हरिश्चंद्र जुर्री, सचिव कुमार नरेटी, जोहारलाल नेताम, चंद्रभान जुर्री, महेश नेताम, अजीत सोम, महारु नेताम, विजय गावड़े, राजेंद्र कुंजाम, सुनील जुर्री, दुखू नेताम, सुखेंद्र नेताम, देवचंद कुंजाम, दीपक मंडावी, इंद्र कुमार नेताम आदि उपस्थित थे।