अफसरशाही की शिकायत पर प्रशासन मौन, संघ ने अधिकारी की गाड़ी चलाने से किया इंकार
आर्यन साहू (जगन्नाथ साहू) – बालोद जिले में अफसरशाही के मामले ने तूल पकड़ लिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय अर्ध-शासकीय वाहन चालक एवं यांत्रिकी कर्मचारी संघ ने संबंधित विभागीय अधिकारी का वाहन चलाने से इनकार करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और न्याय की गुहार लगाई है।
मामला तब शुरू हुआ जब युवा डिप्टी कलेक्टर और गुरुर के प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी प्राची ठाकुर पर सरकारी वाहन के दुरुपयोग और सरकारी फंड से निजी वाहन में पेट्रोल भरवाने का आरोप लगा। यह आरोप सरकारी ड्राइवर कमल किशोर गंगराले ने लगाया, और अब ड्राइवर संघ भी उनके पक्ष में आ गया है।
शिकायतकर्ता ड्राइवर कमल किशोर गंगराले का कहना है कि पूर्व अनुविभागीय अधिकारी पूजा बंसल के अवकाश पर जाने के बाद प्राची ठाकुर को प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी बनाया गया। पदभार ग्रहण करने के अगले ही दिन, 23 जुलाई को, अधिकारी ने सरकारी वाहन (CG 02 H0042) का इस्तेमाल निजी कार्यों के लिए किया, जिसमें दुर्ग, भिलाई और रायपुर के शॉपिंग मॉल में खरीदारी शामिल थी। इसके अलावा, 29 जुलाई को उन्होंने अपने निजी वाहन में सरकारी फंड से 50 लीटर पेट्रोल भरवाया, जिसका रिकॉर्ड सरकारी दस्तावेज़ों में दर्ज किया गया। जब ड्राइवर गंगराले ने इस पर सवाल उठाया, तो उन्हें बिना किसी जवाब के गाड़ी चलाने से हटा दिया गया।
इसके अलावा, एक अन्य विभागीय ड्राइवर, प्रदीप कुमार नेताम का पिछले एक साल में लगभग छह बार स्थानांतरण किया गया, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं। इन घटनाओं के चलते छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय अर्ध-शासकीय वाहन चालक एवं यांत्रिकी कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष ने अब निर्णय लिया है कि डिप्टी कलेक्टर एवं गुरुर के प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी प्राची ठाकुर का सरकारी वाहन नहीं चलाया जाएगा। इस फैसले को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें न्याय की अपील की गई है।